Thursday 5 December 2013

press note 03/12/2013









डब्लू डब्लू एफ इंडिया द्वारा रामगंगा कों बचने के लिए चलाये जा रहे अभियान “रामगंगा के लिए जीवन, जीवन के लिए रामगंगा” के अंतर्गत पिछले दिनों आठ ब्लाक के 27 शिक्षकों कों प्रशिक्षण दिया गया था. इसी क्रम में आज उन सभी शिक्षकों कों रामगंगा नदी के तट पर भ्रमण कराया गया ताकि वो स्वम अपनी आँखों से नदी में होने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधयो जैसे गंदे नालो का नदी में प्रवाह, कूड़े कचरे के ढेर, खनन, कटान, फलेज़ की खेती, लट्ठों के बांध बनाना आदि देख सके. सभी शिक्षकों ने नदी में हो रही इन सभी गतिविधयो का चित्रण भी किया. डा. आलम ने रामगंगा में प्रदूषण कों चिन्हित करने वाले जैविये कारकों के बारे में भी बताया जैसे ब्लेक विंग स्टिल्ट नामक पक्षी का पाया जाना नदी में प्रदूषण कों दर्शाता है. इसी चरण में डब्लू डब्लू एफ की टीम ने इन सभी शिक्षकों कों आर.एच.ए. (रिवर हेल्थ असेसमेंट) किट की सहायता से नदी के पानी में प्रदूषण की जांच करना भी सिखाया जिसके ज़रिये वे स्वम प्रदूषण की जांच करके ये सुनिश्चित कर सकते है की नदी का पानी प्रयोग करने लायक है या नहीं. भ्रमण का प्रमुख उद्दश्य शिक्षकों कों नदी में होने वाले प्रदूषण तथा उसके प्रभावों से सम्बंधित जानकारियों से अवगत करना था ताकि वे पूर्ण रूप से प्रशिक्षित होकर अपने अपने न्याय पंचायत के अन्य शिक्षकों व छात्र-छात्राओ कों ये जानकारी दे सके और ये भी सुनिश्चित करे की वे किस तरह अपने अपने विषयों में रामगंगा का उदाहरण सम्मिलित करके उन्हें जागरूक कर सकते है. इस मुहीम के द्वारा डब्लू डब्लू एफ और जिला प्रशासन रामगंगा संरक्षण कार्यक्रम कों मुरादाबाद के आठ ब्लाक के 1700 स्कूलो तक पहचाना चाहता है. इस भ्रमण में डब्लू डब्लू एफ. की ओर से गरिमा डिमरी, मेघना दास, डा. मो. आलम व् नेहा भटनागर के अतिरिक्त अनेक शिक्षक रमा भट्ट, हिमांशु, दीपक रोहिला, बबिता व् हर्षा गुप्ता आदि ने भाग लिया.  




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